राम राम सायं ॥
ब्लोगिंग की दुनिया के बुजुर्गो को नमन ...
अब आप कहेंगे की पहले की पोस्ट में तो नमन नही किया इस बार क्या हुआ है !
तो हुआ ये की हमने ब्लॉग पे इक अकाउंट बना तो लिया पर बाद में पता चला की,
यार मैंने न तो कभी हिन्दी पढ़ी है और न ही मैं किसी भी प्रकार का लेखल हूँ॥
मैं तो एकदम फिसड्डी हूँ...
तब मुझे नियमित ब्लॉग लिखने वालो की महानता का ज्ञान हुआ है !
अब तक मैंने भले लोगो क ब्लॉग पे कमेन्ट लिखने का ही काम किया है...
एक दिन तो मैंने १ बहुत ही विख्यात ब्लॉग पे तुक्के से पहला कमेंट ड़ाल दिया और
मुझे इससे भी बड़ा अच्छा महसूस हुआ ।
और हाँ इसी दरम्यान मुझे ब्लॉग पे फोटू जोड़ने इत्यादि का भी थोड़ा ज्ञान हो गया है सो मैंने एक फोटू भी लगा दी है।
मैं तो इन्ही प्रकार के उक्चूक कार्यों में व्यस्त था की श्रीमान Ratan Singh Shekhawat ने मेरी पहली पोस्ट पे एक तमाचा मार दिया की अजी लिखना तो चालु कीजिये ।
अब मैं बड़ा घबराया हुआ हूँ की कहाँ से चालु करूँ और कहाँ ख़तम करूँ...
फ़िर सोचा की चालु तो कर देते हैं जहाँ पूरी तरह से थक जायेंगे वहीँ पोस्ट कर देंगे ।
पर मैंने भी अब ठान लिया है की कुछ न कुछ लिखते ही रहेंगे ।
क्योंकि सुना है की जिसको कुछ भी लिखना नही आता जब वो लिखता ही तो जनता चाहे मजाक में पढ़े या
नयेपन के चक्कर में पर पढ़ती जरूर है ।
धन्यवाद -
जीतू बगङिया
तो आप ब्लॉगरों का शिकार करने निकल पड़े हैं। अच्छा है। चालू रहिए पर जवानों को ही क्या, बुजुर्गों को भी बुजुर्ग मत कहिए। कोई नाराज हो गया तो एक भी टिप्पणी नहीं मिलेगी और न मिलेगा पसंद पर चटका। पर मैंने अपनी टिप्पणी और पसंद दोनों दे दी हैं।
ReplyDelete@ अविनाश जी
ReplyDeleteबुजुर्गों को वरिष्ठ भी तो लिखा जा सकता है? शायद अब आपको कोई ऐतराज नही होगा?:)
बहुत बढिया जी, लिखते रहिये आप तो.
रामराम.
हा हा फिसड्डी लोग ही सबसे आगे निकलते हैं जिसने अपने को होशियार समझा वो तो गया।
ReplyDeleteआरम्भ है प्रचंड....
ReplyDeleteदेखो बागडिया जी हो गयी ना शुरुआत | बड़ा मजेदार लिखा है अब ऐसे ही कुछ लिखते रहो |
ReplyDelete@ all .. sabhi logo ko dhanyawaad !
ReplyDeletebas aap log jude rahiye main aapko "pakata" rahunga :)
kya bat hai,swagat.
ReplyDeleteहिंदी ब्लॉग लेखन के लिए स्वागत और शुभकामनायें
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों पर भी जाएँ और अपने सुन्दर
विचारों से अवगत कराएँ
bahut badhiya dr saab.
ReplyDeleteniyamit likhiye....
भाई जी
ReplyDeleteब्लॉग को नाम चोखो लाग्यो . लिखता रह्यो .
sir aapne bahut badhiya likha. maine bahut se blog dekhe aur padhe hai lekin aapne jaisa likha hai mujhe aur kahi nahi mila.
ReplyDeleteHamari Subhkamnaye aapke saat hai.
Good Jitu Bhai....Keep It UP
ReplyDeleteपहचान बनाने के लिए गम्भीर बनना जरूरी नहीं, न ही लिखने के लिए किसी का साहित्यकार होना। हाँ आपकी लगन से जो ऊर्जा पैदा होती है बस उसे लिख डालिये। -शम्भु चौधरी, कोलकाता
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